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रविवार, 12 मई 2019

क्या एलियंस इंसानों के रचयिता है ? भाग-3, विषय-रचनात्मकता

                                             इंसानो की विकशित बुद्धिके कारण उसके मन में नई-नई कल्पनाये जन्म लेती  रही है और इन कल्पनाओ को इंसान ने हक़ीक़त में उतरा है।  ये कल्पनाये वास्तुकला, चित्रकला, शिल्पकला, कपड़ो पर की जानेवाली कारीगरी  इन कलाओंके जन्म और विकास का कारण बनी है। रचनात्मकता का ये गुण इंसानोमें शुरवात से ही देखा गया है। आदिमानवो द्वारा गुफाओकी दीवारों पर निकली गए चित्रों से हमे इसके प्रमाण मिलते है। उस समय इंसानोका बौद्धिक विकास अपने पहले चरण में ही था। उस समय तो इंसानोकी कोई भाषा भी नहीं थी। यानि जब हम बोल भी नहीं पते थे लेकिन हम में रचनात्मकता थी। ये सच में हैरान करने वाली बात है। और एक हैरत में डालने वाली बात ये है की आज हजारो साल बिताने के बाद भी सिर्फ इंसानोमे ही ये विशेषता पाई गई है। और किसी भी जिव में इसका विकास आखिर क्यों नहीं हुवा ? दूसरी और इंसानोमे रचनात्मकता का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। वोह आज भी बढ़ रहा है और हर क्षेत्र में बढ़ रहा है।
                                              रचनात्मकता इंसानोको दिमागी तौर पर सुकून देने वाली शक्ति है। इंसान के दिमाग को प्रेरणा देने वाली ऊर्जा है। इंसानोने बड़ी-बड़ी इमरतोंको बनाया, लेकिन उसपर भी वह शांत नहीं बैठा। उसने उन इमरतो कि रचनाओं को और बेहतर बनानेकी कोशिश हमेशा की। इससे और नए संरचनाये बनाई। आज भी हमारा दिमाग शांत नहीं है। वह पुराणी कल्पनाओ में और सुधार करके नई-नई कल्पनाये बना रहा है। इससे और बेहतर इमारते हमे देखने को मिल रही है।  ये बात सिर्फ इमरतोंके निर्माण में ही नहीं लागु होती बल्कि हर क्षेत्र में लागु होती है। इंसान की रचनात्मकता उसे कुछ नया करने के लिए सदा प्रेरित कराती है। हर निर्माण से हमारा दिमाग कुछ सिखाता है। वोह अपनी रचनात्मकता को सुधारता है।
                                                 लेकिन ये विशेषता हमारे अंदर आई कहासे ? क्या ये हमारे विकशित होते दिमाग का नतीजा थी ? या इसके बीज हमारे अंदर किसी और ने बोये ? दुनिया की सभी प्राचीन सभ्यताओं में जो विशालकाय संरचनाएं बनायीं गयी, उनका संबंध हर बार आसमान से आये देवताओ से ही क्यों जोड़ा गया है ? इजिप्त के पिरामिड हो या माया के पिरामिड इन दोनों ही सभ्यताके के इतिहास में इन पिरामिडो का संबंध देवताओंसे जोड़ा गया है। सभी प्राचीन मदिरोंकी रचना भी देवताओ के लिए की गई। यानि एक बात तो यहाँ साफ है की इंसानोमे रचनात्मकता को किसी 'और' शक्तीने प्रेरित किया था। मेरा ये मानना है की हमे रचनात्मक बनाने के पीछे एलियंस का ही हाथ था।  आखिर ये विशेषता धरतीपर सिर्फ हमारे अंदर ही विक्षित क्युँ हुई ? इस बात का किसीके पास जवाब नहीं है।   

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