Breaking

गुरुवार, 14 मार्च 2019

मॅनिस UFO की घटना (1979)


            11 नवम्बर 1979 को दुनिया के इतिहास में पहली बार किसी व्यावसायिक विमान को UFO के कारण आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी। उस दिन TAE Supercaravelle नामक विमान अपने फ्लाइट JK-297 को साल्जबर्ग (ऑस्ट्रिया) से लॉस पाल्मस की ओर ले जा रहा था। जिसके पायलट थे फ्रांसिस्को जेवियर लेर्डो डी तेजदा। करीब रात 11 बजे उन्हें अपने विमान के पास ही लाल रोशनी के गोलों का समूह नजर आया। पहले उन्हें लगा की वह शायद कोई विमान होगा। इस लिए उन्होंने उससे रेडिओ संपर्क बनाने की कोशीश की। लेकिन कोई फायदा नहीं हुवा। वोह लाल रोशनियाँ विमान के कुछ ज्यादाहि करीब आ रही थी। उन्होंने इस बारेमे जानकारी पाने के लिए बार्सिलोना के उड़ान नियंत्रण केंद्र और टोरेजोन डी अर्दोज (मैंड्रिड) के सैन्य रडार से संपर्क किया। लेकिन दोनों भी इस बारेमे कोई जानकारी नहीं दे पाए। वोह लाल रोशनियाँ विमान के ज्यादाही करीब आने के कारन पायलट विमान की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे। उन्होंने विमान को थोड़ा नीचे लाया। लेकिन वह चीज अभी भी उनका पीछा कर रही थी। आखिर पायलट ने अपने सहाय्यको के साथ बात करके आपातकालीन लैंडिंग करने का निर्णय लिया। विमान को मॅनिस के हवाई अड्डे पर उतारा गया।
                इसके बाद भी रडार पर 3 UFO दिखाई दिए। उनमे से एक तो हवाई अड्डे के रनवे के बेहद करीब से गुजरा। सेना को इसकी जानकारी मिलते ही नजदीक के एयरबेस लॉस लैलनोस (एल्बासेट) से Miraj F-1 ने UFO की जानकारी पाने के लिए उड़ान भरी। उसके पायलट थे कप्तान फर्नांडो कोमरा। पायलट अपनी अधिकतम गति से उसका पीछा कर रहे थे। लेकिन डेढ़ घंटे तक पीछा करने के बाद इंधन की कमी के कारण पायलट को लौटना पड़ा। और वह रोशनी भी गायब हो गयी थी। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thank you for Comment

संपर्क फ़ॉर्म

नाम

ईमेल *

संदेश *