25 अगस्त 1951 को रात को टेक्सास के तीन विज्ञान के प्रोफेसरोने अपने घर के पीछे के हिस्से में 20-30 रोशनी के गोलोको देखा।
दरअसल में स्थित टेक्सास टेक्नॉलॉजिकल यूनिवर्सिटी के तीन प्रोफेसर डॉ.ए.जी.ओबर्ग (केमिकल इंजिनियर), डॉ.डब्लू एल डकर (पेट्रोलियम इंजिनियर) और डॉ.डब्लू आई रॉबिन्सन (भूवैज्ञानिक) अपने घर के पिछवाड़े में बैठे थे, तभी उन्हें इन लाइट्स का समूह आकाश में तेजीसे उडाता हुवा दिखाई दिया। दूसरे दिन उन्होंने इस घटना की जानकारी समाचार पत्रों को दी। सेनाने भी इस घटना की जाँच की लेकिन उस जाँच के नतिजोको गोपनीय रखा गया।
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